नकली यदुवंशियो की असलियत
असली यदुवंशी जादोन क्षत्रियो की एक रियासत है करौली। करौली रियासत के चिह्न् पर गाय का चित्र बना हुआ है। करौली के यदुवंशी क्षत्रिय अपने नाम के साथ सिंह की जगह पाल लगाते हैँ सिर्फ इसलिये की यदुवंशी क्षत्रिय श्री कृष्ण की परंपरा का पालन करते हुए गौ पालक और गौ संरक्षक होते हैँ। उनमे गौ रक्षा के लिये इतना आग्रह होता है की वो गौ भक्षक सिंह की जगह पाल का उपयोग करते हैँ। पूरे ब्रज क्षेत्र में जादौन यदुवंशी राजपूत कृष्ण के समय से आज तक हजारो साल से राज कर रहे हैँ और आज भी इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा मिलते हैँ। यदुवंशियो की दूसरी राजधानी द्वारका के नजदीक भी आज भी सबसे ज्यादा यदुवंशी राजपूतो की ही जाडेजा, चुडासमा, सरवैया, रायजादा आदि शाखाओ के राजपूत हैँ जिनके जामनगर, कच्छ, राजकोट आदि अनेक रियासते हैँ। राजस्थान के जैसलमेर में यदुवंशी भाटी राजपूतो की रियासत है जिनके पास श्री कृष्ण का छत्र है। यदुवंशी भाटी राजपूत देश भर में मिलते हैँ। इनके अलावा जाधव, हैहय, कलचुरी, छोंकर, बरेसरी, बनाफर, पोर्च आदि यदुवंशी राजपूतो की देश भर में अनेक शाखाए है। इन सब यदुवंशी क्षत्रियो के लिये गौ रक्षा आज भी बहुत महत्वपूर्ण है। अनेको यदुवंशी राजपूतो ने मध्यकाल में गौ रक्षा के लिये अपने प्राणों की आहुति दी है। इसके अलावा हरयाणा में यदुवंशी अहीर नाम की जाती मिलती है जिन्हें पहले से ही यदुवंशी कहा जाता रहा है। इनमे भाटी, जादोन के अलावा क्षत्रियो के तंवर, सोलंकी, सिसोदिया, मडाढ़ आदि वंश भी वैवाहिक संबंधो के कारण मिल गए हैँ। ये शारीरिक और मानसिक रूप से क्षत्रिय राजपूतो के करीब हैँ और हिंदुत्व वादी हैँ। दूसरी तरफ 1920 के दशक से उत्तर प्रदेश और बिहार में कुछ ग्वाला जातियो के लोग अपने को जबरदस्ती यदुवंशी बताकर यादव लिखने लगे हैँ। उससे पहले इन्हें सिर्फ ग्वाला, घोसी, कम्हरिया आदि नामो से जाना जाता था। इनका काम भी सिर्फ वो ही था। लेकिन जिस तरह लोमड़ी शेर की खाल पहनने से शेर नही बन जाती उसी तरह ये लोग नाम के पीछे यादव लगा के कितना भी अपने को यदुवंशी कहे, इनकी हरकतों, सोच और विचारधारा से इनकी असलियत सामने आ ही जाती है। बिहार में इनका एक नेता लल्लू यादव है जिसने आज तक सिर्फ हिन्दू विरोध की राजनीति की है। ये खुलेआम अपनी जाती की सभा में कहता है की इनके यहां गौ मास खाना आम बात है, गौ मास खाने में कोई दिक्कत नही। इस हिन्दू विरोधी और गौ मास खाने वाले नेता का उसकी जाती के लोग अंध समर्थन करते हैँ। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में इसी जाती का दूसरा नेता जिसे मुल्ला मुलायम कहा जाता है, घोर मुल्ला वाद के बावजूद इसकी अपनी जाती भी इसका अंध समर्थन करती है। इसके राज में उत्तर प्रदेश गायो का सबसे बड़ा क़त्ल खाना बना हुआ है। शहर शहर गाँव गाँव में सरकार के समर्थन से गाय काटी जाती हैँ। गौ हत्या के विरुद्ध कार्यवाई करने के बजाए जो गौ हत्या का विरोध करे उस पर मुकदमा कर दिया जाता है। उत्तर प्रदेश में गौ पालको के आज सबसे बुरे हालात है जितने कभी मुगल शासन में भी नही रहे। जबकि कसाई आज सबसे ज्यादा मालामाल है। ये सिर्फ इन फर्जी यदुवंशियो के राज का नतीजा है। दोनों राज्यो में ही, भागवद का उपदेश देने वाले भगवान कृष्ण के वंशज होने का दावा करने वाले इन फर्जी यादवो की सरकारे जंगलराज के लिये जानी जाती हैँ। अभी बिसाहड़ा कांड में गौ हत्या के आरोपियों को इसी उत्तर प्रदेश की सरकार ने लखनऊ बुलाकर 5 स्टार ट्रीटमेंट दिया, 45 लाख रुपए देने, पूरे कुनबे को 5-5 लाख रुपए देने, नौकरी देने की घोषणा की जाती है और दूसरी तरफ गोली लगने से घायल गौपालक राहुल यादव को मरने के लिये छोड़ दिया जाता है। इसी जाती के छात्र नेता जेएनयू में बीफ पार्टी का आयोजन करते हैँ, दुर्गा माँ को गाली देकर अपने को महिषासुर का वंशज बताते हैँ ये कहकर की ये लोग महिष(भैंसा) चराते हैँ और दशहरा के दिन जेएनयू में महिषासुर की पूजा करते हैँ लेकिन फिर भी अपने नाम के पीछे यादव लगाते हैँ। जो ग्वाला कहलाने लायक भी नही हैँ वो आज यदुवंशी बने हुए हैँ। यहां तक की जातिवाद के विरोध की बात करने वाले हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भी इनके वोट के लिये इन्हें यदुवंशी बनाने से पीछे नही हटते। उनकी हर दूसरी सभा में इन लोगो के लिये यदुवंशी का जुमला उछल जाता है। यहां तक की दिग्विजय सिंह जैसा नेता तो सब जानते हुए भी वोट के लिये इन्हें यदुवंशी बता देता है। लेकिन ये कौन से यदुवंशी हैँ जो गौ मास खाते हैँ? ये कौन से यदुवंशी हैँ जो गौ रक्षा की जगह गाय को कटवाने में यकीन रखते हैँ? ये कौन से यदुवंशी है जो मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि और अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन के समर्थन की जगह विरोध में खड़े होते हैँ? ये कौन से यदुवंशी हैे जो कृष्ण की तरह आदर्श शासन करने की बजाए सिर्फ जंगलराज देने के ही लायक हैँ? ये कौन से यदुवंशी हैँ जो एक क्षत्रिय की तरह समाज के सभी वर्गो का एक समान कल्याण करने की बजाए घोर जातिवाद और परिवारवाद में यकीन रखते हैँ जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है? ये कौन से यदुवंशी हैँ जिनके लिये हिंदुत्व से बढ़कर जातिवाद है और जिनके वोट के लिये नरेंद्र मोदी को भी जातिवाद पर उतरना पड़ता है? ये कौन से यदुवंशी है जो अपने को यदुवंशीय क्षत्रिय श्री कृष्ण का वंशज कहने के बाद भी पिछड़ो का अगुवा मानते हैँ? इन नकली यदुवंशियो की असलियत दुनिया के सामने लाना बहुत जरुरी है जो यादव लगाकर यदुवंशी क्षत्रियो और श्री कृष्ण को बदनाम कर रहे हैँ। इसके लिये ये पोस्ट ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ।
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