Posts

Showing posts from July, 2015

THAKUR KUSHAL SINGH JI RATHORE AUWA

Image
THAKUR KUSHAL SINGH RATHORE AUWA AND HIS BRAVERY AGAINST BRITISH RULE Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास ठाकुरो की बगावत लटका दिए ब्रिटिश गोरो के सिर अपने किलो के बहार लगवा दिए दिए थे मेले आजादी के इतिहास की एक सच्ची घटना जो लोग राजपूतो से जलकर हर दिन नए इल्जाम लगाते रहते है कि इतिहास को छोडकर राजपूतो ने अंग्रेजो के खिलाफ क्या किया ये पोस्ट उन्ही खोखले लोगो के लिए है जो आजकल हमारे पूर्वजो को अपना बनाकर हमे ही आंखे दिखा रहे है और एक बात ये कि ये तो सिर्फ एक महान योद्धा के बारे मे बताया है आज इनके अलावा भी हजारो राजपूत योद्धा है उनके बारे मे भी धीरे धीरे पोस्ट करेगें --!! Thakur Kushal Singh ji Rathore From Auwa,Pali-Rajasthan "लटका दिया था बड़े अँगरेज़ अफसर का सर अपने किले के बहार लगवा दिया था मेला जब हुयी थी अँगरेज़ गोरो की हार " ठाकुरो की और ब्रिटिश जोधपुर संयुक्त सेना की जंग "ठाकुर कुशाल सिंह आउवा" 1857 में राजस्थान क्रांति के पूर्व जहाँ राजस्थान में अनेक शासक ब्रिटिश भक्त थे, वहीं राजपूत सामन्तों का एक वर्ग ब्रिटिश सरकार का विरोध कर रहा था। अत: उन्होंने

गुणों की खान है गर्म पानी

Image
गर्म पानी पीने के लाभ अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो रोजाना एक गिलास गर्म पानी पीना शुरू कर दें। आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री हो जाएगी व ग्लो करने लगेगी। लड़कियों को पीरियड्स के दौरान अगर पेट दर्द हो तो ऐसे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है। दरअसल इस दौरान होने वाले पैन में मसल्स में जो खिंचाव होता है उसे गर्म पानी रिलैक्स कर देता है। गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर हो  जाते हैं। सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कते खत्म हो जाती है व कब्ज और गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं। भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पीएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा। ५. खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। दिल की जलन कम हो जाती है। वात से उत्पन्न रोगों में गर्म पानी अमृत समान फायदेमंद हैं। गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है

Valour Jaimal Mertiya and Jauhar of Chittorgarh

कृपया अधिक से अधिक शेयर करें----- ----चित्तौड़गढ़ का जौहर और जयमल-पत्ता का बलिदान---- राजपूत विरूद्ध #मुग़ल युद्ध #1568 ईस्वी पुरखों के शौर्य,रक्त और बलिदान को भुलाये कैसे??? पुरखो के शाका और जौहर को हम इतनी आसानी से नही भूल सकते।राजपूत योद्धा अपनी प्रजा के रक्षा करना जानते थे ,जीते जी एक पर भी आंच नही आने दी,कट गए मर मिटे इज्जत की खातिर जौहर की चिता में लाखो राजपूतानिया जिन्दा जल गई,लाखो राजपूत योद्धा कट गए, सिर कट गए धड़ लड़ते रहे । वक़्त 15 वी शताब्दी दिल्ली के मुग़ल बादशाह ने मेवाड़ चित्तौड़ पर आक्रमण की योजना की और खुद 60000 मुगलो की सेना लेकर मेवाड़ आया।उस वक़्त महाराणा उदय सिंह भी लोहा लेने को तैयार हुए अपने पूर्वज बाप्पा रावल राणा हमीर राणा कुम्भा राणा सांगा के मेवाड़ी वंसज तैयार हुए पर मेवाड़ के तत्कालीन ठाकुरो/उमरावो ने उदय सिंह जी को मेवाड़ हित में कहा की आप न लडे क्यों की आपको उदयपुर और कुंभलगढ़ में सेना मजबूत करनी है ।अंत ना मानने पर भी उमरावो ठाकुरो ने उन्हें कुंभलगढ़ भेज दिया और फैसला किया मेड़ता के दूदा जी पोते वीरो के वीर शिरोमणि जयमल मेड़तिया को चित्तोड़ का सेनापति बना भार सोपने का और ज

HARSHVARDHAN_THE GREAT BAINS RAJPUT RULER

Image
***महान सम्राट हर्षवर्धन बैस(606-647)*** Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास कृपया ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करे_/\_ मित्रो आज हम आपको बैस वंशी महान राजपूत सम्राट हर्षवर्धन बैस के बारे में बताएँगे। हर्षवर्धन ने छठी-सातवी शताब्दी में 41 साल तक लगभग पुरे उत्तर और मध्य भारत पर शासन किया। हर्षवर्धन के राज्य की सीमा एक समय उत्तर पश्चिम में पंजाब से लेकर दक्षिण में नर्मदा नदी और पूर्व में बंगाल और उड़ीसा तक फैली थी। गुप्त साम्राज्य के विघटन के बाद उत्तर भारत छोटे छोटे राज्यो में विभाजित हो गया था। हर्षवर्धन ने इन सभी राज्यो को जीतकर एक विशाल साम्राज्य खड़ा किया। अपने अनेक गुणों के कारण हर्षवर्धन की गिनती भारतीय इतिहास के महान सम्राटों में होती है। ============================== **वंश परिचय** हर्षवर्धन बैस राजपूत वंश में पैदा हुए थे। इसके प्रमाण समकालीन महाकवि बाणभट्ट के हर्षचरित और चीनी यात्री हुएन त्सांग के यात्रा विवरणों से प्राप्त होते है। बाणभट्ट ने अपनी कृति हर्षचरित में हर्षवर्धन को सूर्यवंशी क्षत्रिय लिखा है। कुछ विद्वान हर्षवर्धन के राजपूत होने पर संदेह करते हैं,किन्तु उनके तर्

RAJA SUHAIL DEV BAIS

Image
मसूद गाजी को धूल चटाने वाले राजा सुहेलदेव बैस Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास ===महाराजा सुहेलदेव बैस और बहराइच का युद्ध=== Mahraja Suheldev Bais and battle of Bahraich मित्रो आज हम आपको भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान राजपूत योद्धा से परिचित कराएंगे जिन्होंने विभिन्न राजपूत राजाओं का अपने नेतृत्व में संघ बनाकर इस्लामिक हमलावरो का सफलतापूर्वक सामना किया और अयोध्या, काशी जैसे हिन्दू तीर्थो की रक्षा की लेकिन जिसे देश की हिन्दू जनता ने ही भूलाकर एक आक्रमणकारी जेहादी को अपना भगवान बना लिया। ==================================== सुहेलदेव बैस का वंश परिचय  राजा सुहेलदेव बैस 11वीं सदी में वर्तमान उत्तर प्रदेश में भारत नेपाल सीमा पर स्थित श्रावस्ती के राजा थे जिसे सहेत महेत भी कहा जाता है।  सुहेलदेव महाराजा त्रिलोकचंद बैस के द्वित्य पुत्र विडारदेव के वंशज थे,इनके वंशज भाला चलाने में बहुत निपुण थे जिस कारण बाद में ये भाले सुल्तान के नाम से प्रसिद्ध हुए। सुल्तानपुर की स्थापना इसी वंश ने की थी। सुहेलदेव राजा मोरध्वज के ज्येष्ठ पुत्र थे। उनका राज्य पश्चिम में सीतापुर से लेकर पूर्व में

भारत का सबसे ज्यादा शहीदों वाला जांबाज राजपूतों का गाँव मौधा

Image
LAND OF MARTYRS : VILLAGE MOUDHA UTTAR PRADESH Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास   देशभक्ति का जज्बा देखना हो तो मौधा गाँव आइये... अब तक देश के लिये हो चुके हैँ 44 शहीद.... ये है भारत माता के सच्चे सपूत असली राजपूत.... उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में मोहम्मदाबाद के पास स्थित है मौधा नामक गाँव। आजादी की लड़ाई के दिनों से भारत माता की आन बान शान के लिये मौधा गाँव के रहने वाले सैनिको के शहीद होने का जो सिलसिला शुरू हुआ, वह स्वतंत्रता के बाद आज तक भी उसी भावना से कायम है। देश की सीमा पर बेटे के शहीद होने की खबर आती है तो मौधा में मातम नही छाता बल्कि माँ अपने दुसरे बेटे को भी उसी रास्ते पर चलने के लिये भेज देती है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1987 के श्री लंका गृह युद्ध तक विभिन्न रेजिमेंट में लड़ते हुए मौधा गाँव के 44 सैनिको ने मातृ भूमि की रक्षा के लिये अपनी शहादत दी है। इस छोटे से गाँव में 200 से उपर पूर्व सैनिक अभी भी रह रहे हैँ और करीब 350 जवान आज भी राजपूत सहित कई रेजिमेंटो में देश की सीमाओ की रक्षा के लिये तैनात हैँ। गाँव में 5 जुलाई का दिन गौरवशाली था जब देश के