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Showing posts from October, 2016

कारगिल युद्ध के अमर शहीद स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर (Sqn Ldr Rajiv Pundir)

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कारगिल युद्ध के शहीद स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर----- Sqn Ldr Rajiv pundir,  Flying (Pilot)  स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर का जीवन परिचय------ शहीद राजीव पुंडीर का जन्म दिनांक 28 अप्रैल 1962 में ग्राम बड़ोवाला जिला देहरादून उत्तराखण्ड में ठाकुर राजपाल सिंह व हेमवती पुंडीर के घर हुआ। उन्होंने 1979 में राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी में प्रवेश कर सैन्य जीवन की शुरुआत की। इनका विवाह सहारनपुर के नकुड क्षेत्र के गांव में शर्मिला सिंह से हुआ। शहीद पुंडीर एक बेहतरीन पायलट होने के साथ एक कुशल खिलाड़ी, गायक व संगीत प्रेमी थे। कारगिल विजय और ऑपरेशन विजय---- वर्ष 1999 में पाकिस्तानी घुसपैठियों ने भारतीय क्षेत्र में घुस कर कई महत्वपूर्ण चोटियों पर कब्जा कर लिया था। इन स्थानों को दुश्मनों से छुड़ाने के लिए आपरेशन कारगिल विजय शुरू किया गया। सैनिको ने बहादुरी का परिचय देते हुए देश की आन बान और शान बचाने को सर्वोच्च बलिदान दिया और यहां तिरंगा फहराया। आपरेशन विजय के दौरान 28 मई 1999 को सरसावा वायुसेना स्टेशन पर तैनात स्क्वाड्रन लीडर राजीव पुंडीर और उनके साथियों ने शत्रुओं की गतिविधियों की जानकारी लेने और रसद

लौहपुरुष ठाकुर राजनाथ सिंह ,देश के यशस्वी गृहमंत्री

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ठाकुर राजनाथ सिंह, देश के यशस्वी गृहमंत्री------- समुद्र मंथन के पश्चात् अमृत के साथ साथ हलाहल विष भी निकला था। अमृत देवताओं के हिस्से आया। देवतागण अमृतपान करके अमर हो गये। किन्तु ब्रह्माण्ड की रक्षा के लिए विषपान भगवान शंकर ने किया था। इसी से भगवान शिवजी नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। आधुनिक काल में नीलकंठ की भूमिका जिस शख्स ने निभाई,उनका नाम है केन्द्रीय गृह मंत्री ठा० राजनाथ सिंह। नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमन्त्री पद का उम्मीदवार घोषित कराने में राजनाथ सिंह की सशक्त भूमिका रही। बीजेपी के चुनाव अभियान में राजनाथ सिंह कंधे से कंधा मिलाकर मोदी जी के साथ खड़े रहे। ये मोदी लहर और राजनाथ सिंह की संगठन क्षमता का ही कमाल था कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2014 में जबर्दस्त विजय प्राप्त की।राजनाथ ने हर बुराई अपने सर ले ली और सब श्रेय मोदी जी को लेने दिया। ----जीवन परिचय---- जन्म-10 जुलाई 1951 (आयु 64 वर्ष) , इनका जन्म रैकवार RAIKWAR राजपूत वंश में हुआ है जन्मस्थान---भभौरा, चंदौली जिला, उत्तर प्रदेश, उनके पिता का नाम राम बदन सिंह और माता का नाम गुजराती देवी था। जीवन संगी-सावित्री सिंह संतान--2 पुत्र