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Showing posts from August, 2015

राजपूताने का सिरमौर जिला पाली(Rajputs of pali)

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राजपूताने का सिरमौर जिला पाली Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास ----राजस्थान में राजपूतो का सिरमौर जिला पाली (मारवाड़ - गोडवाड़)---- जी हाँ हम पाली जिले को राजस्थान के राजपूतो का सिरमौर कहे तो कोई अतिश्योक्ति नही होगी। हर क्षेत्र में अपने झंडे गाड़े है यहाँ के राजपूत ने राजनीती में,पढाई में ,विदेशो में ,क्राइम रिपोर्ट में,खेल में , इतिहास हो ,स्वंत्रता संग्राम हो। जिले की सिर्फ 6 % राजपूतो की जनसँख्या वाले राजपूतो ने संख्या कम होने का बहाना बनने वालो का भ्रम भी तोडा है। यहाँ मीरा,सोमेश्वर और राणा प्रताप आदि ने जन्म लेकर और भी पुण्य कर दिया । इसे तो ओम बन्ना की दिव्या छाया ने भी अमर कर दिया।वही चौहानो की कुलदेवी माँ आशापुरा नाडोल भी यही बिराजमान है। ---इतिहास--- =ये वही धरती है जहा राजपूतो के साथ हुए ""गिरी - सुमेल" के युद्ध में शेरशाह सूरी ने कहा था की  "मैं मुट्ठी भर बाजरे की लिए हिंदुस्तान की सल्लनत खो बैठता"। = राठौड़ो के मूल पुरुष राव सीहा जी ने मारवाड़ का राज्य पाली के बिट्टू ग्राम से प्रारम्भ किया । आज भी उनकी छतरी वह पर है = वीर पृथ्वी राज चौहा

जाडेजा राजपूतों द्वारा लड़ा गया मिठोई का प्रसिद्ध युद्ध(JADEJA RAJPUTS AND THE GREAT BATTLE OF MITHOI )

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                        JADEJA RAJPUTS AND THE GREAT BATTLE OF MITHOI                      Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास जय श्री कृष्ण---------------- मित्रों पिछली पोस्ट में हमने चन्द्रवंश की यदुबंशी शाखा "जाडेजा राजपूतों" की उत्पत्ति और उनके द्वारा स्थापित राज्यों का विवरण दिया था,अब हम आपको जडेजा राजपूतों की वीरता के परिचायक महान युद्धों की जानकारी देंगे,इसी क्रम में आज आपको मिठोई के प्रसिद्ध युद्ध की जानकारी देंगे जिसमे जडेजा राजपूतों ने अपने से कई गुना बड़ी शत्रुओं की सयुंक्त सेना को शिकस्त दी थी...... ========================================= जाम रावल जी और मिठोई का युद्ध ============= चंद्रवंशी जाडेजा राजवंश में जाम रावल नाम के महान अजेय शासक हुए,जिन्होंने अपने जीवन काल में कभी एक युद्ध भी नही हारा और पूरे सौराष्ट्र के राजाओ को हरा कर नवानगर राज्य स्थापित किया।नवानगर राज्य की राजधानी जिससे आज जामनगर कहा जाता है, जाम रावल ने इस शहर की स्थापना विक्रमी सम्वत 1596 में श्रावण मॉस के 7 वे दिन की। विक्रमी संवत 1606 में जाम रावल ने अपने जीवन काल का सबसे बड़ा य

ठाकुर बलवन्त सिंह बखासर(1971 के भारत पाक युद्ध के हीरो)

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BALWANT SINGH BAKHASAR (CHAUHAN) THE HERO OF 1971 INDO-PAK WAR Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास चौहान बलवंत सिँह बाखासर(chauhan balvant singh bakhasar) (कहानी एक सच्चे देश प्रेमी धर्मपरायण जिंदा शेर दिल राजपूत की ) भारत की आजादी के बाद 60 70वे दशक मे पश्चिमी राजस्थान के लिए एक जाना पहचाना नाम था बलवँत सिँह बाखासर! गुजरात राजस्थान के सरकारी महकमे और पुलिस विभाग के लिए डकैत लेकिन बाडमेर साँचोर ओर उत्तरी गुजरात के वाव थराद सीमावर्ती गाँवो के लिए वे आधुनिक राबिन हुड समान थे बलवंत सिंह का जन्म राजस्थान के  बाड़मेर जिला के गांव बाखासर में चौहानो की नाडोला उप शाखा में हुआ आपकी शादी कच्छ गुजरात के विजेपासर गाव में जडेजा राजपूतो के यहाँ हुयी आपका बचपन राजस्थान गुजरात और पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रो में गुजरा ये पूरी तरह यहाँ के सीमावर्ती क्षेत्रो को लेकर वाकिफ थे वक़्त के साथ बलवंत सिंह ने हथियार उठा दिए आजादी के बाद पाकिस्तान के सिँधी मुस्लिमो का सीमावर्ती क्षेत्रो मे आतँक था उस वक़्त बॉर्डर खुला होने की वजह से सिँधी मुस्लिम आये दिन भारतीय सीमा में आकर लूट पाठ करने लगे इधर बलवं

यदुवंशी जाडेजा राजपूतों का इतिहास (HISTORY OF JADEJA RAJPUTS)

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यदुवंशी जाडेजा राजपूतों का इतिहास (HISTORY OF JADEJA RAJPUTS)                         Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास चंद्रवंशी(यदुवंशी) जाडेजा राजवंश का इतिहास========== ===========जाडेजा दरबार (राजपूतों) क्षत्रियों का इतिहास================== जाडेजा राजवंश गुजरात के कच्छ व सौराष्ट्र के इलाके में राज करने वाला एक झुझारू राजवंश है।जाडेजा राजवंश की उत्पत्ति चंद्रवंशी क्षत्रिय वंश से हैं व इनकी उत्पत्ति यदुकुल से मानी जाती है। जाडेजा चुडासमा भाटी जादौन चारो कुल यदुवंश की अलग अलग शाखाये है जो भिन्न भिन्न समय पर यदुवंश से निकली है। जाडेजा वंश गुजरात का सबसे बड़ा राजपूत वंश माना जाता है। जाडेजा राजपूतों के सौराष्ट्र में लगभग 700 गाँव बेस हुए है और लगभग २३०० गाँवो पर आजादी के समय इनका शासन रहा है।गुजरात में ऐसी मान्यता है के जिन गांवों में ठाकुर जी श्री कृष्ण का मंदिर नहीं है वहां लोग सुबह उठकर किसी जाडेजा के पाँव छूकर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते है।गुजरात हाई कोर्ट भी जाडेजाओ की कृष्णा जी के वंशज होने की बात प्रमाणित करता है कुछ समय पहले हुए एक केस में कोर्ट ने जाम नरेश को प्रद्

पुरु वंश और महान राजपूत यौद्धा पोरस की विश्वविजयी सिकन्दर पर विजय( PURU-PORAS, THE GREAT RAJPUT WARRIOR WHO DEFEATED ALEXANDER THE GREAT)

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पुरु वंशी राजपूत और महान यौद्धा पोरस की सिकंदर पर विजय Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास मित्रों आज हम आपको प्राचीन चंद्रवंशी क्षत्रिय "पुरु वंश,इसकी शाखा हरिद्वार क्षत्रिय" के बारे में जानकारी देंगे और पुरुवंशी राजपूत राजा पोरस द्वारा विश्वविजेता सिकंदर को दी गई करारी पराजय के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे.......... =========================== पुरु वंश का परिचय और गोत्र प्रवर---- चंद्रवंशी महाराजा ययाति के पुत्र पुरु के वंशज पुरु,पौर,पौरववंशी वंशी क्षत्रिय कहलाते हैं,इस वंश के महाराजा मतिनार सूर्यवंशी सम्राट मान्धाता के नाना थे,महाराजा पुरु से एक शाखा कुरु वंश की चली,इनसे चन्द्रवंश की अन्य शाखाएँ भी चली,एक शाखा बाद तक पुरु या पौरव वंशी कहलाती रही... गोत्र--भारद्वाज प्रवर तीन--भारद्वाज,ब्रह्स्पतय,अंगिरस वेद--यजुर्वेद शाखा--वाजसनेयी नदी--महेंद्र तनया(सतलुज) वृक्ष--वट छत्र--मणिक मुक्त स्वर्ण छत्र ध्वजा--लाल झंडे पर चंद्रमा का चिन्ह शस्त्र--खडग परम्परा--विजयादशमी को खडग पूजन होता है शाखाएँ--हरिद्वार क्षत्रिय राजपूत,कटोच राजपूत,पुरी(खत्री) गद्दी एवं राज्य--प्रत