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Showing posts from November, 2015

ब्रिगेडियर (retiered) गोविन्द सिंह सिसोदिया(Brigadier Govind singh sisodiya,the hero of 26/11 mumbai terrorist attack)

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===# 26/11 मुम्बई पर आतंकवादी हमलों में भारतीय कमांडो ऑपरेशन के अगुवा ब्रिगेडियर (retiered) गोविन्द सिंह सिसोदिया=== आज #26/11 मुम्बई में आतंकवादी हमलों की पुण्यतिथि होने के मौके पर यह पोस्ट 26/11 के हमलों के खिलाफ भारतीय एनएसजी कमांडो की जवाबी कार्यवाही को लीड करने वाले ब्रिगेडियर गोविन्द सिंह सिसोदिया और इस हमले में शहीद होने वाले वीर जवानो के नाम---- ============================ जीवन परिचय--- ब्रिगेडियर गोविंद सिंह सिसोदिया का जन्म हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के चौपाल कसबे के भरनो गांव में हुआ था। ब्रिगेडियर सिसोदिया अपने परिवार में चार भाइयो में से सबसे छोटे है। इनके पिता का नाम शेर सिंह सिसोदिया था जो राजस्व सेवा में अधिकारी थे।इनके बड़े भाई के एस सिसोदिया पुलिस में डीआईजी पद से रिटायर हुए।दूसरे भाई आईएस सिसोदिया आर्मी में कर्नल पद से रिटायर हुए।जिससे पता चलता है कि यह परिवार शुरू से उच्च शिक्षित और प्रतिभाशाली रहा है। शिक्षा और बेजोड़ सैन्य सेवा----- ब्रिगेडियर सिसोदिया ने हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर के गवर्नमेंट विजय हाई स्कूल से बचपन में शिक्षा प्राप्त की। सन् 1975 में भारतीय सेना

COLONIAL MYTH OF ORIGIN OF GURJARA PRATIHARAS

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THE COLONIAL MYTH OF GURJARA PRATIHARA ORIGIN PART-1 Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास ‪#‎ TheColonialMythofGurjaraPratihara‬ भाइयों आज से हम एक ऐसे क्षत्रिय राजपूत राजवंश के ऊपर अपनी पोस्ट्स की शृंखला शुरू करने जा रहें है जिसके इतिहास को कई विदेशी व उनके देसी वाम्पन्ति इतिहासकारों ने अपने तरह तरह के ख्याली पुलाव व तर्कहीन वादों से दूषित करने की कोशिश की और वे इस कार्य में कुछ हद तक सफल भी रहे। परंतु आज के समय में जब साधन व संसाधन बढ़ गएँ है और सभी प्रकार के ऐतिहासिक साक्ष्य जन साधारण व  विशेषज्ञ शोधकर्ताओं के पहुच के भीतर उपलब्ध ही चुके है तो नए विश्लेषण पुराने बेतुके तर्कों के साथ तोड़ मरोड़ कर पेश किये गए इतिहास की कलई खोल रहें हैं। दरहसल पुरातन काल से ये माना जाता रहा है के इतिहास उसी का होता है जिसका शाशन होता है और शाशक आदिकाल से इतिहास को तोड़ मरोड़ के अपने अनुसार जन साधारण के सामने प्रस्तुत कर उनकी भावनाओं का फायदा उठातें आएं हैं। भारत में पढ़ाये जा रहे जिस इतिहास को आज हम पढ़तें है व दरहसल 18 वीं सदी में अंग्रेजों द्वारा दी व सिखाई पदत्ति पर आधारित है। और यही नहीं भारत

The Legendary Pratihar Rajputs

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The Great Kshatriya (Rajput) Pratihara Dynasty Rajputana Soch राजपूताना सोच और क्षत्रिय इतिहास आज की यह पोस्ट,मर्यादा पुरुषोत्तम सुर्यवंश शिरोमणि प्रभु श्री राम के भ्राता लक्ष्मण जी से निकास माने जाने वाले प्रतापी प्रतिहार वंश पर केन्द्रित है। यूँ तो प्रतिहारो की उत्पत्ति पर कई सारे मत है,किन्तु उनमे से अधिकतर कपोल कल्पनाओं के अलावा कुछ नहीं है। प्राचीन साहित्यों में प्रतिहार का अर्थ "द्वारपाल" मिलता है। अर्थात यह वंश विश्व के मुकुटमणि भारत के पश्चिमी द्वारा अथवा सीमा पर शासन करने के चलते ही प्रतिहार कहलाया। अब प्रतिहार वंश की उत्पत्ति के बारे में जो भ्रांतियाँ है उनका निराकारण करते है। एक मान्यता यह है की ये वंश अबू पर्वत पर हुए यज्ञ की अग्नि से उत्पन्न हुआ है,जो सरासर कपोल कल्पना है।हो सकता है अबू पर हुए यज्ञ में इस वंश की हाजिरी के कारण इस वंश के साथ साथ अग्निवंश की कथा रूढ़ हो गई हो। खैर अग्निवंश की मान्यता कल्पना के अलावा कुछ नहीं हो सकती और ऐसी कल्पित मान्यताये इतिहास में महत्त्व नहीं रखती। इस वंश की उत्पत्ति के संबंध में प्राचीन साहित्य,ग्रन्थ और शिलालेख आदि क्या कहते ह