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Showing posts from April, 2016

मौहम्मद गौरी का वध किसने किया था??(Did Prithviraj chauhan killed Mohmmad ghauri?)

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Did Prithviraj Chauhan killed Mohmmad Ghauri????? मौहम्मद गौरी का वध किसने किया था? सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने अथवा खोखर राजपूतो ने?? आधुनिक इतिहासकारो ने मुस्लिम इतिहासकारो के हवाले से लिखा है कि मौहम्मद गौरी को खोखर जनजाति ने पंजाब के झेलम क्षेत्र में मारा था।।।इतिहासकारो के अनुसार गौरी ने पृथ्वीराज को तराईन के दूसरे युद्ध में हराकर बन्दी बना लिया था और अजमेर में उनकी हत्या करवा दी थी।। वहीँ पृथ्वीराज रासो और भारतीय मान्यताओ के अनुसार सुल्तान मौहम्मद गौरी पृथ्वीराज को बन्दी बनाकर गजनी ले गया था,जहाँ उसने पृथ्वीराज चौहान को अँधा करवा दिया था,वही अवसर देखकर पृथ्वीराज चौहान ने गजनी में गौरी को शब्दभेदी बाण से मारा था!!!!जिसके बाद पृथ्वीराज चौहान भी वहीँ गजनी में वीरगति को प्राप्त हुए थे।। जहाँ आधुनिक इतिहासकार मौहम्मद गौरी की कब्र पाकिस्तान के झेलम में होना मानते हैं वहीँ गजनी में गौरी की कब्र होने की प्रबल मान्यता खुद अफगानिस्तान वासियों में है, गजनी में मौहम्मद गौरी की कब्र आज भी मौजूद है जिसके बाहर सम्राट पृथ्वीराज चौहान की कच्ची समाधि है,जिसको गजनीवासी जूते से मारकर अपमानित किया करते

BATTLE OF MAONDA AND MANDHOLI

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=== माऊंडा मंडोली का इतिहासिक युद्ध === भारत वर्ष की भूमि वीरों की भूमि है यहाँ का कण कण क्षत्रियों के रक्त से सींचा हुआ है। यह भूमि गवाह है ऐसे सैकड़ो हजारों युद्धों की जिनमें हिन्दू क्षत्रियों ने अपने मान सम्मान और प्रजा के हितों की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुतियाँ दी। आज हम इतिहास के पन्नों से ऐसे ही युद्ध की एक गाथा को दोहरा रहें है जो राजस्थान में सीकर जिले के नीम का थाना शहर के पास स्थित माऊंडा और मंडौली गाँवों में सन् 1767 में लड़ा गया था। माऊंडा मंडोली का युद्ध भरतपुर के राजा जवाहर सिंह और जयपुर के सूयवंशी क्षत्रिय कछवाहा राजा सवाई माधो सिंह प्रथम के बीच सन 1767 में लड़ा गया जिसमे भरतपुर की फ़ौज और जवाहर सिंह को मूहँ की खानी पड़ी और रण छोड़ कर भागना पड़ा। इसके बाद कुशवाहों द्वारा भरतपुर को रोंदने का सिलसिला सिर्फ माऊंडा मंडोली तक ही सीमित नहीं रहा। राजा सवाई माधो सिंह के नेतृत्व में जयपुर ने 29 फरवरी 1768 सिर्फ 15000 राजपूतों की फ़ौज के साथ भरतपुर शहर पर कब्ज़ा कर जाट राज जवाहर सिंह को दुबारा हराया। भरतपुर की सेंध के दौरान जयपुर ने जाट राज जवाहर सिंह के सेना पति दान शाह को भी मार ग

पूर्व प्रधानमन्त्री चन्द्रशेखर जी भारतीय राजनीति के "युवा तुर्क" Ex PM Chandrashekhar singh

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कृपया अधिक से अधिक शेयर करें---------. आज दिनांक 17 अप्रैल महान समाजवादी नेता पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय ठाकुर चंद्रशेखर सिंह जी का जन्मदिवस मनाया जा रहा है,उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दिन सार्वजनिक छुट्टी घोषित की है, हालाँकि चंद्रशेखर सिंह जी और वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप सर्वसमाज के लिए पूजनीय हैं उन्हें किसी एक जाति से जोड़कर नहीं देखा चाहिए. चंद्रशेखर सिंह जी के जन्मदिवस पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने पर यूपी की सपा सरकार को धन्यवाद और आशा करते हैं कि सपा सरकार सिर्फ वोटबैंक की राजनीति न करके चंद्रशेखर जी की विचारधारा पर भी अमल करेगी, गौरतलब है कि चंद्रशेखर सिंह जी वी पी सिंह की मंडल जाति आधारित आरक्षण नीति के कटटर खिलाफ थे और प्रधानमंत्री बनते ही उन्होंने मंडल ओबीसी आरक्षण रद्द करके आर्थिक आधार पर आरक्षण का अध्यादेश जारी कर दिया था,जिसे उनकी सरकार गिरने के बाद कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से रद्द कराकर जाति आधारित कर दिया, हमे अपेक्षा है कि यूपी की सपा सरकार और केंद्र सरकार आर्थिक आधार पर आरक्षण देने की चंद्रशेखर सिंह जी की नीति पर चलकर दिखाए तब जाकर चंद्रशेखर सिंह जी को सच्ची श्र

क्या परशुराम ने किया था धरती को क्षत्रियविहीन??? Parshuram real story

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क्या परशुराम ने किया था धरती को क्षत्रियविहीन???? सुनिए सटीक जवाब। 1-परशुराम की शत्रुता सिर्फ महिष्मती के हैहय वंशी अर्जुन से थी जिसने उसके पिता का वध किया था। परशुराम ने हैहय वंश के क्षत्रियो का विनाश किया था न कि सभी क्षत्रियो का। 2-ये घटना भगवान राम से भी पहले की है अगर उससे पहले ही क्षत्रिय खत्म हो गये होते तो अयोध्या का सुर्यवंश जिसमे दशरथ राम लक्ष्मण और मिथिला के जनक जैसे दुसरे क्षत्रिय वंश कैसे बचे रहे?जबकि जब शिव का धनुष टूटा था तो वहां परशुराम के आने और उनके लक्ष्मण से वाद विवाद कैसे होता? 3-उसके बाद महाभारत काल में भी परशुराम का भीष्म और कर्ण को युद्ध की शिक्षा देने का जिक्र आता है। अगर पहले ही सभी क्षत्रिय खत्म हो गये होते तो महाभारत काल में जो अनेक क्षत्रिय वंश थे वो कहाँ से आ गये? 4-उपरोक्त से स्पष्ट है कि परशुराम द्वारा क्षत्रियो के पूर्ण विनाश की कथा ब्राह्मणों द्वारा क्षत्रियो पर श्रेष्ठता स्थापित करने के लिए गढी है जो सत्य नही है। 5-परशुराम की शत्रुता जिस हैहय वंश से थी उसका भी पूर्ण विनाश नही हुआ था बल्कि सह्स्त्रजुन के पुत्र को महिष्मती की गद्दी पर बिठाया गया था। आज