भारत की एकता/अखण्डता/सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा "यूनियनिस्ट मिशन"






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भारत की एकता/अखण्डता के लिए बड़ा खतरा" यूनियनिस्ट मिशन"



क्या है यूनियनिस्ट मिशन??????????



ब्रिटिश सत्ता के दौरान अविभाजित पंजाब के मुसलमान जमीदारों ने अंग्रेजो के इशारे पर इस संगठन की नीव रखी थी और इसमें छोटूराम की मदद से हरियाणा क्षेत्र के जाट किसानो को भी शामिल किया गया था।

छोटूराम और यूनियनिस्ट मिशन के नेता अंग्रेजो के पिट्ठू थे और वैश्य,खत्री व्यापारियों/ब्राह्मणों के विरुद्ध मुसलमानों को जमकर बढ़ावा देते थे,इसीलिए छोटूराम को हिंदुओं में छोटूखान भी कहा जाता था।।



भारत विभाजन के समय छोटूराम के द्वारा स्थापित जाट-मुस्लिम गठजोड़ टूट गया क्योंकि यूनियनिस्ट मिशन से जुड़े पंजाबी मुसलमानो ने जिन्ना को समर्थन देना शुरू कर दिया और पश्चिमी पाकिस्तान में इस संगठन से जुड़े मुसलमानो ने हिन्दू सिक्खों का कत्लेआम शुरू कर दिया।।



देश आजाद हो गया,

पाकिस्तान में इस संगठन से जुड़े मुस्लिम इसे भूल गए

लेकिन हरियाणा में यूनियनिस्ट मिशन के जाट हिमायती इस विचारधारा को ब्राह्मण,बनियो,व्यापारियों और हिन्दू धर्म के विरुद्ध भड़काने में प्रयोग करते रहे।



हरियाणा में आरक्षण की मांग के नाम पर जाट उपद्रवियों ने गैर जाटों के विरुद्ध जो अत्याचार किये हैं वो कई दशको से जाट युवाओं में फैलाई जा रही यूनियनिस्ट मिशन की जहरीली विचारधारा का परिणाम है।

ये सिर्फ एक ट्रेलर था इनका असली मकसद कश्मीर घाटी की तरह बाकि हिंदुओं को हरियाणा से पलायन के लिए मजबूर करना है।



इस दूषित विचारधारा को सीमापार से प्रोत्साहित किया जा रहा है और पाकिस्तान में बैठे मुला जाट भारत के जाटों को अलग जाटलैंड jatistan देश तक बनाने के सब्जबाग दिखा रहे हैं 



इस विचारधारा से जुड़े लोग कहते हैं कि वो हिन्दू हैं ही नही बल्कि उनका धर्म जाट है जबकि इनके प्रिय मुस्लिम जाट अपने इस्लाम धर्म पर अडिग हैं लेकिन हिन्दू जाटों से उनका धर्म छोड़ने की अपील/अपेक्षा करते हैं।

सोशल मिडिया पर इस मिशन से जुड़े लोग सनातन धर्म की मान्यताओं का रोज अपमान करते हैं और गैर जाटों के विरुद्ध जाट युवाओं में विषवमन कर रहे हैं।

इनके शादी ब्याह के निमन्त्रण पत्रों में गणेश जी की बजाय छोटूराम/देवीलाल की तस्वीर लगाई जाने लगी है।



इनका नारा है "जय यौधेय"।।और मोर का प्रतिकचिन्ह है।

(जबकि यौधेय शब्द से इनका कोई दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नही है)



जाट+मुस्लिम गठबंधन बनाकर हिंदुओं के विरुद्ध जंग छेड़ना इनका स्वप्न है और इसमें दलितों को भी शामिल करने का उद्देश्य है।



ये अपनी सुविधानुसार पहचान/पुरखें बदलने में भी माहिर हैं।

आर्य समाज के प्रभाव में इन्होंने खुद को आर्य कहना शुरू किया,

कभी क्षत्रिय बताते हैं तो कभी अचानक से पलटी मारकर खुद को शक हूण कुषाण हमलावरों की सन्तान बता देते हैं 

वहीँ आरक्षण की मांग करते हुए ये खुद को चांडाल/शूद्र तक बता देते हैं।



यही नही जिस आर्य समाज के प्रभाव और सुधारों से जाटों में जाग्रति और समाज सुधार हुए उसी आर्य समाज को भी इन्होंने नकारना शुरू कर दिया है।इस संगठन के लोग स्वामी दयानन्द को जाट समाज का पथभृष्टक बता रहे हैं।।



हाल ही में इन्होंने एक और पलटी मारते हुए खुद को आर्य की बजाय मूलनिवासी बताना शुरू कर दिया है जिससे दलितों के साथ मिलकर हिंदुत्व के विरुद्ध संघ बनाया जा सके।



इस संगठन की जड़ें हरियाणा में जम चुकी हैं वेस्ट यूपी और राजस्थान में भी ये जड़े जमाने में लगे हैं।हजारो युवा इनके बहकावे में आ चुके हैं 

सूत्रों के अनुसार शासन/प्रशासन/सेना तक में इनके लोग घुस चुके हैं जो देश के लिए बड़ा खतरा है।



ख़ुशी की बात ये है कि इनकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के विरुद्ध कुछ राष्ट्रवादी जाट युवा ही सामने आए हैं और इनका जमकर मुकाबला कर रहे हैं 



अगर देश की ख़ुफ़िया एजेंसियां नींद से जागकर इस राष्ट्रविरोधी षड्यंत्र को विफल नही करती और दोषियों को कठोर दंड नही मिलता है तो ये आग भड़काने में सफल हो जाएंगे और उत्तर भारत में पंजाब के अतिरिक्त हरियाणा राजस्थान वेस्ट यूपी में भारी उथल पुथल होगी।



सभी बन्धु इस मेसज को फैलाएं और इस दूषित राष्ट्रविरोधी विचारधारा के विरुद्ध जनमत बनाने में सहयोग करें



जय हिन्द,जय सनातन धर्म---

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