छत्तीसगढ़ के राजपूत शेर (Rajputs of Chhattisgarh)





छत्तीसगढ़ का राजपूत समाज,संक्षिप्त परिचय---


छत्तीसगढ़ वैसे तो आदिवासी/ओबीसी/सतनामी बाहुल्य प्रदेश है,यहाँ मात्र 4% ही शुद्ध राजपूत समाज है जो समाज के अन्य वर्गों को अपने साथ विश्वास में लेकर नेतृत्व करने की क्षमता रखता है।।

इसी विश्वास के कारण डॉक्टर रमन सिंह पिछले डेढ़ दशक से राज्य के मुख्यमंत्री हैं।।



छत्तीसगढ़ की सीमा बिहार,उड़ीसा,मध्य प्रदेश, झारखण्ड, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश से मिलती हैं इसलिए यहाँ के राजपूतों की संस्कृति में भिन्नता है,यहाँ कुछ दशक से बघेलखण्ड आदि से बाहर के प्रदेशो से भी राजपूत आकर बस गए हैं,

यहाँ राजपूतों ने अलग अलग संगठन बना रखे हैं किन्तु अब भेदभाव भूलकर सभी राजपूत एक मंच पर आ रहे हैं जो सुखद संकेत है।



छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 में से 5 राजपूत विधायक हैं मुख्यमंत्री रमन सिंह के अलावा नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव भी राजपूत हैं,कुल 11 में से 01 सांसद अभिषेक सिंह राजपूत हैं,

कुल 03 राज्यसभा सांसदों में से 01 राजपूत रणविजयप्रताप सिंह जूदेव हैं



कुल 05 राजपूत विधायको की सूचि----

1.Dr.Raman Singh C.M. C.g. Govt (MLA Rajnandgao)



2.Raju Singh Kshatriya Sansadiya Sachiv C.g Govt (MLA Takhatpur)



3.Yudhveer Singh Judev president state beverage corporation (MLA Chandrapur)



4.Awdhesh Singh Chandel (MLA Bemetara)



5.T.S. Singh Dev Apposition Leader (Congress MLA ambikapur)

-------------------------------------------------------------

छत्तीसगढ़ प्रदेश में राजपूतों का इतिहास---



10वीं सदी के अंतिम समय से लेकर 18 वीं सदी के मध्यांत तक लगभग 752 वर्षों तक छत्तीसगढ़ प्रदेश पर हैहयवंशी कलचुरी राजपूत राजवंश की सत्ता रही ।

इस राजवंश का गौरवपूर्ण इतिहास रहा |सन 1752 ई. में   सत्ता का अंत हुआ।



              कलचुरी राजवंश के विभाजन के कारण मराठाप्रभुत्व स्थापित हुआ | कलचुरी विभाजन के पश्चात एक शाखा रतनपुर में तथा दूसरी शाखा ने रायपुर में शासन किया | अतः विभाजन के कारण मराठों को आक्रमण करने का प्रोत्साहन मिला और कलचुरी राजपूत सत्ता से बाहर हो गए।



स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय छत्तीसगढ़ क्षेत्र में निम्नलिखित राजपूत राजवंश थे



खैरागढ़---नागवंशी राजपूत

सरगुजा---रक्सेल राजपूत

जशपुर----चौहान राजपूत

कांकेर-----चन्द्रवँशी राजपूत

कोरिया-----चौहान राजपूत

उदयपुर----रक्सेल राजपूत

चांगभाकर--चौहान राजपूत

बस्तर----दक्षिण भारत से आए काकतीय चन्द्रवँशी



शेष गोंड राजवंश हैं छत्तीसगढ़ में।।



छत्तीसगढ़ में बैस, चौहान, रक्सेल, परिहार, कलचुरी,सोलंकी, तंवर,परमार,चंदेल,नागवंशी आदि राजपूत वंश मिलते हैं ।

Comments

Popular posts from this blog

भोजनान्ते विषम वारि

राजपूत वंशावली

क्षत्रिय राजपूत राजाओं की वंशावली