बिहार के शूरवीर क्षत्रिय राजपूत वंश (rajputs of bihar)




बिहार के क्षत्रिय राजपूत वंशो का विवरण--Rajputs of Bihar



बिहार -सदैव ही महानतम क्षत्रियों की भूमि रही है -जिस धरती पर त्रेतायुग ,द्वापरयग से लेकर कलयुग के 19 वी सदी तक कई महानतम क्षत्रिय वन्श व क्षत्रिय वीरों की राजधानी भी रही।

ये भूमि आज देश में मौजूद कई  क्षत्रियों (राजपूतों) के उत्तपति का गवाह भी रही है""।



आज जानते हैं बिहार के हर कोने कोने में फैलें कुछ प्रसिद्ध राजपूत शाखाएँ }

नीचे दिए सभी राजपूत वन्श बिहार के ज्यादातर जिलों में हैं यदि कोई शाखा विशेषतः यदि किसी जगह पर अधिक होगे तो उन स्थानों का नाम लिखा होगा।



नोट: जहाँ "शाहबाद" लिखु वहाँ भोजपुर,बक्सर,डुमराव,रोहतास,कैमुर जिला एक साथ होगे।

जहाँ "मगध" लिखु वहाँ औरन्गाबाद,गया,नवदा,अरवल,जहानाबाद जिला एक साथ होगा।



1.परमार

 उज्जैन (परमार)

 गढवरिया(परमार)

ये महानतम राजपूत वन्श बिहार के हर कोने मे अधिक संख्या में हैं ,इन तीन नामों से जाने जाते हैं।





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 2.सिकरवार

(शाहबाद, मगध,सारण में अधिक)



3.राठौर( मारवाड़ भी कहे जाते हैं)

(शाहबाद व शिवहर,मुज्जफरपर में अधिक)



4.बिसेन



5.गाई (बिसेन की शाखा)

(शाहबाद में मिलते हैं)



6.रघुवंशी

(सिवान, सारण में अधिक मिलते हैं)



7.गहलोत



8.शक्तावत/भनावत" शिशोदिया"

 (मगध में अधिक हैं खास करके औरन्गाबाद व गया में )



9.शिशोदिया



10.गहडवाल/गह्ढवाल/गहरवार



11. निकुम्भ



12.बुन्देला  

  (हजारीबाग व नवादा में गढ  हैं इनका)    



13.महरोड

(ज्यादातर शाहबाद में मिलते हैं)



14.चौहान



15.सोलंकी



16.सोनवान(सोलंकी)



17.बघेल (सोलंकी)



18.त्रिलोकचंदी (बैस)

 (शाहबाद,सितामढि में अधिक,  )



19.सिरमौर ( त्रिलोकचंदी बैस) अथवा प्राचीन मौर्य वंशी

  (मगध में मिलते हैं)।



20.जादोन



21.श्रीनेत(निकुम्भ की शाखा)

 (जमुइ ,बान्का में अधिक)

   

22.सान्ढा(भारद्वाज गोत्र)

  (रोहतास व मगध)



23.नरोनि (परिहार)प्रतिहार

 (शाहबाद )



24.परिहार प्रतिहार



25.तोमर



26.तिलोता(तोमर)



27.सोमवंशी(चन्द्रवंशी)



28.कन्दवार (गौतम की शाखा)

 (मगध में मिलते हैं)



29.सुरवार (गौड़ की शाखा)

(शाहबाद व शेखपुरा,सारण में अधिक)



30.काकन (सूर्यवंशी)

(शाहबाद में अधिक)



31.किनवार (दिखित) दीक्षित



32.कछ्वाह



33.कुरुवंशी (जरासन्ध का वंश,जिसने मगध पर 2800 वर्ष पूर्व तक राज किया था)

(शाहबाद,छपरा,मगध)



34.लोहतमिया



35.बराहिया(सेंगर)

(तिरहुट,मुन्गेर में अधिक  मिलते हैं)



36.सेंगर



37.हरिवोवंशी (हैहयवंशी राजपूत)

 (शाहबाद में मिलते हैं)



38.सूर्यवंशी (मूल सूर्यवंशी,प्राचीन पाल राजवंश इन्ही का साम्राज्य था)



39.भाटी

(भदावर गाँव भोजपुर)



40.गौतम



41.निमिवंशी (सूर्यवंशी)माता सीता का वंश



42.चन्देल



43.कर्मवार (गहरवार की शाखा)



44.बेरुवार (तोमर)

  (मिथिलान्चल क्षेत्र)



45.दोनवार (विशेन की शाखा)



46.देकहा



47.पालीवार/ल(चन्द्रवंशी)

(नार्थ बिहार के गोपालगंज में इनके गाँव हैं)



48.रक्सेल



49.बैस



50.नागवंशी (अधिकतर झारखण्ड में)



बिहार से शुद्ध मौर्य कुशवाह(कछवाहा) क्षत्रिय मालवा और पश्चिमी भारत में चले गए और जो बचे वो अवनत होकर कोइरी काछी और कुर्मियो में मिल गए,..

बिहार के राजपूत बाबूसाहेब/सिंह साहेब टाइटल से जाने जाते हैं और बिहार में शुद्ध राजपूतों की कुल संख्या बिहार की कुल जनसंख्या का 7% है इस प्रकार बिहार में लगभग 80 लाख शुद्ध राजपूत हैं जो यूपी के बाद सर्वाधिक हैं



जय बिहार

जय बाबू वीर कुवर सिंह जी"तेगवा बहादुर",जय आनन्द मोहन सिंह

लेखक--ठाकुर अमित सिंह उज्जैन (परमार)

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